राजीव गांधी को उनकी जयन्ती पर नमन
आज राजीव गांधी की जयंती पर आयोजित समारोहात्मक कार्यक्रम 22 अगस्त तक निर्धारित राष्ट्रीय शोक के कारण स्थगित हैं, लेकिन उनके चित्र पर पुष्प समर्पित कर उनकी प्रेरक स्मृतियों को स्मरण एवं नमन का कार्य हुआ।
राजीव जी भारतीय राजनीति के क्षितिज पर अपनी अल्पकालिक भूमिका के बावजूद एक ऐसे धूमकेतु की तरह चमके थे, जिसकी अप्रतिम आभा का स्थापित यश अक्षय है, कालजयी है। सोवियत संघ जैसी तमाम राजनीतिक व्यवस्थाओं एवं लोकतंत्रों के वैश्वीकरण की आंधी में टूट कर बिखरने वैश्विक दौर में उन्होंने लोककल्याणकारी भारतीय लोकतंत्र को बिखरने से बचाया। पंजाब, असम, काश्मीर, मिजोरम आदि में अतिवादी विघटनवाद को सफलतापूर्वक लगाम लगाई और धर्मोन्मादी आन्दोलनों की लगी प्रबल आग के ताप को नियन्त्रित किया। जब दुनिया भर में लोकतंत्रों के चरमराकर टूटने का शोर था तो भारत की लोकतांत्रिक सत्ता के विकेन्द्रीकरण का नारा देकर पंचायतीराज और स्थानीय स्वशासन के पुनर्गठन की संवैधानिक क्रांति और उससे उपजने वाली विकेन्द्रित सत्ता संरचना में महिलाओं सहित हर वंचित तबकों की भागीदारी बनाने की युगान्तकारी पहल की। समाज और देश में विघटन की आशंका को उभार देने वाले तमाम आन्दोलनों के बीच किसी निराशा का निषेध कर 21 सदी की तैयारियों की दूरदर्शितापूर्ण प्रौद्योगिकीय क्रांति का न केवल शंखनाद किया, बल्कि उस दिशा में ठोस कदम बढ़ाते हुए सूचना एवं संचार क्रांति का अभिनव स्वप्न भारत भूमि पर साकार कर दिखाया। कम्प्यूटर एवं डिजिटल क्रांति और 21 सदी की अपेक्षाओं के अनुरूप नई पीढ़ी को तैयार करने की नई शिक्षा नीति के साथ भारत की प्रतिभा अभिनिष्क्रमण की पुरानी चुनौती को ही उसका गौरव बना दिया। दुनिया भर में छाने लग गई भारतीय प्रतिभा ने सारी दुनिया के कान खड़े कर दिये और सूचना प्रौद्योगिकी के साथ नवसृजित भारतीय प्रतिभा की विश्वव्यापी बाढ़ ने भारत के फिर से विश्वगुरुत्व की अभिनव संभावनाओं को उभार दिया। महिलाओं को राजनीतिक भागीदारी और 18 साल तक के युवा को मताधिकार देने वाले राजीव जी ने महिला और युवा सशक्तिकरण की राजनीति को बल प्रदान किया।इसके साथ ही वैचारिक आधार पर दलीय संगठन की नई गति एवं चेतना प्रदान करने में शक्ति लगाई।
ऐसा युगान्तकारी नेतृत्व प्रदान करने वाली विभूति राजीव गांधी जी को उनकी जयंती पर नमन।
प्रोफ़ेसर सतीश कुमार